कौन चाहता हैं हारें वो
चाँद से हैं प्यारे वो
चांदनी जले देख जिसे
चमकते हुए तारे वो
कौन सरहद पर जीये
जिन्दा हो तो मारे वो
साँस रुके रुक जाए
एक दफा पुकारें वो
''सैफ'' तुम लाचार हो और
इश्क मैं बेचारे वो
कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...