सोमवार, 28 सितंबर 2020

कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा
दूर का सही तू आशना मेरा ।

हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा 
दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा ।

कुछ रोशनी कर दो यहां वहां
कई बार सर फूटा मेरा ।

तुमने जो पूछ लिया सैफ़ का 
वो नाम ले ले के रोता मेरा ।

कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा  दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...