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शनिवार, 16 मई 2009

मुझे तुम प्यार करते हो

मुझे तुम प्यार करते हो

तो ये हक़ भी रखते हो

मेरे ख्वाबों में तुम आओ

मेरी तन्हाईयाँ मिटा जाओ

बहारें तुम से रोशन हैं

नज़ारे तुम से रोशन हैं

तुम ही से है कायनात मेरी

तुम्ही से हर बात मेरी

तुम ही तुम हो ज़माने में

तुम्ही हो दिल लगाने में

कोई न तुम से है दूजा

तुम्हारी करता मैं पूजा

चले आओ ज़रा छुपकर

ज़माने से ज़रा बचकर

मैं अब भी तुम्हारा हूँ

सितम से अब मैं हारा हूँ

कमी क्या है मुझ में ऐसी

क्यूँ तेरे चेहरे पर है उदासी

बात है बस इतनी छोटी

मुझे तुम प्यार करते हो !

कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा  दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...