सोमवार, 16 मार्च 2009

प्रार्थना

वो जो सर्वाधिक पास है मेरे
हे मेरे भगवान वो तू है
तू ही तो है वो
मैं जब भी किसी से नाराज़ हुआ
या मेरा मन उदास हुआ
नाम तेरा लेकर मैं
कर लेता हूँ अपने मन को शांत
हर बार दी शक्ति मुझे तुने
धन नही न सही पर
ज्ञान दिया मुझे तुने
माँ- बाप सी छत दी तुने
भाई बहनों से बाजू
गुरु सा दीपक दिया तुने
मित्र से मित्रता निभाने की शक्ति दी
ये तेरा उपकार है
हे ! मेरे परमपिता परमात्मा
तुम को मेरा प्रणाम है ।

कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा  दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...