मेरा न कुछ सब कुछ है तेरा
तेरे होवत होत सवेरा
मैं अग्ज्ञानी मांगूँ ज्ञान
प्रभु कहाँ है तेरा बसेरा
कस्तूरी मन डोलत है
काहे भगवन होत मेरा
"सैफ़" कहित सुनो सब भाई
प्रभु में मेरा है न तेरा
कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...