गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

...........ख्याल.............

तेरा ख्याल
वाह कमाल
सिमटे निगाह
महकता जमाल
याद दिलाता
तेरा रुमाल
बदला जो ''सैफ''
खुदा सम्हाल

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कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा  दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...