शनिवार, 28 फ़रवरी 2009

...........तमन्ना.........

कौन चाहता हैं हारें वो

चाँद से हैं प्यारे वो

चांदनी जले देख जिसे

चमकते हुए तारे वो

कौन सरहद पर जीये

जिन्दा हो तो मारे वो

साँस रुके रुक जाए

एक दफा पुकारें वो

''सैफ'' तुम लाचार हो और

इश्क मैं बेचारे वो

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