सोमवार, 2 मार्च 2009

सोच

मैं जानता था
ये एक दिन होने वाला है
तो इसमे ये हेरत केसी
तुम्हे आना था मेरे करीब तुम आ गयी
तो अब तुममे ये गेरत केसी
तुम तो कहती थी
हम न बदलेंगे कभी
फ़िर तुम ने बदली फितरत केसी

1 टिप्पणी:

Anita B... ने कहा…

badlaav zindagi or prakati ka niyam hai...

कुछ नया सा ।

कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा  दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...