शुक्रवार, 23 जनवरी 2009
...............नज़्म....................
.............मेरा देश और मैं.............
गुरुवार, 22 जनवरी 2009
...............नज़्म................
रौशनी मैं ढालो, राह मिल जायेगी
तिरगी बाँट लो, राह मिल जायेगी
मंजिलों तक कहीं, रुक के लेना न दम
बस चलो बस चलो, राह मिल जायेगी
ग़रजो तन्हां चले, तो भटकने का डर
काफिलों से मिलो, राह मिल जायेगी
गुल तो महदूद होते हैं शाखों तलक
खुशबुओं मैं ढालो, राह मिल जायेगी
किस लिए हैं भला इतनी बेताबियाँ
सब्र से काम लो, राह मिल जायेगी
उस्ताद श्री वीरेंदर ''कवंर'' जी के आशीर्वाद से
..........क्यूँ हुए बरबाद..................
जाने क्या लिखा है , किस्मत मैं जाने जाना
जाने क्या लिखा है , किस्मत मैं जाने जाना
बुधवार, 21 जनवरी 2009
जब भी तनहा हुआ करो, दिल की धड़कन सुना करो
मेरा जीवन तुम से है, दूर न मुझसे हुआ करो
दुश्मने जां है खामोशी, कहते सुनते रहा करो
कल की saari चिंताएँ, ज़हनो- दिल से जुदा करो
खो जाने का खतरा है, साथ हमेशा रहा करो
ऐ भी क्या वादा वादा, कोई तो वादा वफ़ा करो
अपने संग संग अपनों की , खैर ख़बर भी रखा करो
सैफ जो दिल को तडपादे, वो बातें मत किया करो
उस्ताद :- श्री वीरेंदर कुमार 'कवंर' जी की कृपा से
सोमवार, 19 जनवरी 2009
.........मंथन.........
शनिवार, 17 जनवरी 2009
ख्वाब
शुक्रवार, 16 जनवरी 2009
इश्क
सोमवार, 5 जनवरी 2009
मुलाकात
कल रात ख्वाब में
मिल गये वो इस हलात में ,
हो गये वो दिल के मेहमा बस
एक रात में
जो भी थी दिल की आरजू
बस पुरी हुई ख्वाब में
ये तमन्ना रही दिल की दिल में
की मुलाकात होती महफिल में
अरमा दबे हैं इस दिल में
के तुम मिलो हकीकत में
काश तुम इस दिल के मेहमा होते
मेरे घर मैं तुम मेरे संग रहते
मगर क्या जाने उसके दिल मैं है
मिलना नही तुम से महफिल में है
चलो इस बहने
ख्वाब में ही तुम से मुलाकात करलें
और कुछ बात करलें !
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
मुझे एक सेहर की तलाश है
कुछ नया सा ।
कुछ नया सा है तजरुबा मेरा दूर का सही तू आशना मेरा । हाल ऐ दिल पूछते हो मेरा दिन तुम्हारे तो अंधेरा मेरा । कुछ रोशनी कर दो यहां वहां कई बार ...
-
तुम्हे कुछ याद तो होगा ? शायद...... ये सवाल है या जवाब ? हो सकता है ..... क्या ? ये मैं नहीं जानता..... मैं समझा नहीं ? आप सवाल बहुत करते है...